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Class 8, Chitthiyon Ki Anuthi Duniya by Arvind Kumar Singh | Chapter 5, Vasant Bhag 3 | NCERT Answers

Chitthiyon Ki Anuthi Duniya by Arvind Kumar Singh

चिट्ठियों की अनूठी दुनिया

Chapter 5, Vasant Bhag 3

Class 8 CBSE Hindi - NCERT Answers

पाठ से -
प्रश्न १: पत्र जैसा संतोष फोन या एस एम एस का सन्देश क्यों नहीं दे सकता?
Answer: पत्र जैसा संतोष फोन या एस एम एस का सन्देश नहीं दे सकता है क्योंकि पत्र में हम अपनी इच्छा, आवेग तथा मनोभावना को स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त कर सकते हैं जो फोन या एस एम एस में संभव नहीं। फोन या एस एम एस में कामकाजी बात को संक्षिप्त रूप में कही जाती है जबकि पत्र में लिखी गयी भाषा में आत्मीयता की भावना समायी रहती है। इसके अतिरिक्त हम अपने मित्रों, सगे-संबंधियों द्वारा भेजे गए पत्रों को उनके धरोहर के रूप में सहेजकर रख सकते हैं जिन्हें हम बाद में पढ़ कर भी कई बार आनंद अनुभव करते हैं। परंतु फोन या एस एम एस में यह सब संभव नहीं हैं।

प्रश्न २: पत्र को खत, कागद, उत्तरम, जाबू, लेख, काडिद्, पाती, चिट्ठी इत्यादि कहा जाता है। इन शब्दों से संबंधित भाषाओं के नाम बताइए।
Answer: खत - उर्दू;
कागद - कन्नड़;
उत्तरम, जाबू, लेख - तेलुगु;
काडिद् - तमिल;
पाती, चिट्ठी - हिंदी;
पत्र - संस्कृत

प्रश्न ३: पत्र-लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हुए? लिखिए।
Answer: पत्र लेखन की कला को विकसित करने के लिए हमारे तथा विश्व के अन्य कई देशों में अलग-अलग प्रयास किये गए। जैसे -
  • पत्र-संस्कृति को विकसित करने के लिए स्कूली पाठयक्रमों में पत्र लेखन का विषय भी शामिल किया गया।
  • विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का कार्यक्रम सन्‌ 1972 से शुरू किया गया।

प्रश्न ४: पत्र धरोहर हो सकते हैं, लेकिन एस एम एस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना विचार लिखिए।
Answer: व्यक्ति अपने हाथों से पत्र को लिखता है और इसीलिए पत्र को उस व्यक्ति का एक लिखित अस्तित्व या धरोहर के रूप में देखा जाता है। फोन या एस एम एस में कामकाजी बात को संक्षिप्त रूप में कही जाती है जबकि पत्र में लिखी गयी भाषा में आत्मीयता की भावना समायी रहती है। हम अपने मित्रों, सगे-संबंधियों द्वारा भेजे गए पत्रों को उनके धरोहर के रूप में सहेजकर रखते हैं परन्तु एसएमएस को जल्द ही भुला दिया जाता है। एसएमएस को मोबाइल में सहेज कर रखने की क्षमता ज़्यादा दिनों तक नहीं होती है। परन्तु पत्रों के साथ यह समस्या नहीं होती है। कोई जितने चाहे उतने पत्रों को धरोहर के रूप में सहेजकर रख सकते हैं। दुनिया के तमाम संग्रहालयों में ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के पत्रों का अनूठा संकलन भी है। बड़े-बड़े लेखक, प्रशासक, शिक्षाविद, वैज्ञानिक, उद्दमी, कलाकार, खिलाड़ी की पत्र रचनाएँ अनुसंधान का विषय हैं।

प्रश्न ५: क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकता है?
Answer: फैक्स, इ-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल संचार के आधुनिक साधन हैं। इनसे व्यावसायिक कामकाज तो चलाया जा सकता है पर इनमे वे गुण नहीं आ सकते जो पत्रों में होते हैं।
व्यक्ति अपने हाथों से पत्र को लिखता है। पत्र से एक आत्मीयता का बोध होता है। लोग अपने मित्र, सगे-संबंधियों तथा पुरखों की चिट्ठियों को सहेजकर विरासत के रूप में रखते हैं, जबकि फैक्स, इ-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल में भेजे गए सन्देश अपना सुचना देकर अर्थहीन हो जाते हैं। यह साधन आज भले ही आवश्यकताओं में आते हैं लेकिन, ये चिट्ठियों का स्थान कभी नहीं ले सकते हैं।

Chitthiyon Ki Anuthi Duniya by Arvind Kumar Singh

Class 8 CBSE Hindi - NCERT Answers

पाठ से आगे -
प्रश्न १: किसी को बिना टिकट सादे लिफाफे पर सही पता लिखकर बैरंग भेजने पर कौन-सी कठिनाई आ सकती है? पता कीजिए।
Answer:  किसी को बिना टिकट सादे लिफाफे पर सही पता लिखकर बैरंग भेजने पर पत्र अपने ठिकाने पर पहुँच तो जायगा पर संबंधित व्यक्ति को वह पत्र तभी मिलेगा जब वह डाक टिकट तथा जुर्माना का भुगतान करेगा। अतः, हमें पत्र भेजने से पहले यह निश्चित कर लेना चाहिए कि लिफ़ाफ़े पर उचित डाक टिकट लगा है।

प्रश्न २: पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, कैसे?
Answer: पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, क्योंकि इससे उस क्षेत्र का पता चल जाता है जहाँ उस पत्र को भेजा गया है।
पिन कोड की पहले चार अंकों से शहर का पता चलता है, और अंतिम दो अंकों से उस शहर का एक निश्चित क्षेत्र का संकेत मिलता है। पिन कोड संख्याओं में लिखा पता भले ही हो पर केवल पिन कोड से पत्र को किसी मकान या व्यक्ति तक नहीं पहुँचाया जा सकता। परन्तु इसके रहने से पत्र की छँटाई में बड़ी सुविधा होती है जिसके चलते पत्रों को जल्दी पहुँचाने में मदद मिलती हैं।

प्रश्न ३: ऐसा क्यों होता था कि महात्मा गाँधी को दुनिया भर से पत्र 'महात्मा गाँधी - इंडिया' पता लिखकर आते थे?
Answer: महात्मा गाँधी को दुनिया भर से पत्र 'महात्मा गाँधी - इंडिया' पता लिखकर आते थे क्योंकि उन दिनों महात्मा गाँधी सर्वाधिक लोकप्रिय एवं चर्चित व्यक्ति थे। वे कहाँ होंगे इसका पता सबको रहता था। अतः उनके नाम आया हुआ कोई भी पत्र उन तक अवश्य पहुँच जाता था जिसका मुख्य कारण उनका असामान्य लोकप्रियता था।

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8th Hindi Vasant Bhag III CBSE Guide for Chapter 5, Chitthiyon Ki Anuthi Duniya | NCERT Answers 

Class 8 Hindi, Jahaan Pahiya Hai - Cbse Ncert Solutions (Answers) for Chapter 13 Vasant Bhag 3 जहाँ पहिया है

Class 8 Hindi, Jahaan Pahiya Hai

Chapter 13 Vasant Bhag 3 जहाँ पहिया है

NCERT Solutions - NCERT Answers - CBSE Guide

प्रश्न अभ्यास (NCERT Textbook Exercise Questions - Solved)
जंजीरे
Question: "... उन जंजीरों को तोड़ने का, जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं ..."
1. आपके विचार से लेखक 'जंजीरों' द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहे हैं?
2. क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
Answer: 1. हमारे विचार से लेखक 'जंजीरों' द्वारा रूढ़िवादी प्रथाओं तथा उन सामाजिक समस्याओं की ओर इशारा कर रहे हैं जो हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं। उदाहरणस्वरूप - स्त्री निरक्षरता, स्त्रीयों के प्रति भेदभाव आदि।
 2. जी हाँ, लेखक की इस बात से हम सहमत हैं। जब समाज द्वारा बनाई गई रूढ़ियाँ लोगों के सहनशीलता की सीमाओं को पार करने लगते हैं, तब लोगों में अपने-आप एक इच्छाशक्ति जागृत होने लगती है और वे उन रूढ़ियों के बंधनों से मुक्ति पाने का कोई-न-कोई उपाय अवश्य खोज लेते हैं। इसका कारण यह है कि समय के साथ-साथ विचार धाराओं में परिवर्तन होता रहता है। और प्रगति के लिए यह अत्यंत आवश्यक भी है, अन्यथा समाज दिशाहीन हो जायगा। नए विचारधारा से समाज में एक बदलाव आता है और यही बदलाव हमें पुरानी जंजीरों से मुक्त कर प्रगति के पथ पर ले जाता है। इसका जीवंत उदाहरण पुडुकोट्टई की महिलाएँ हैं जिन्होंने अपनी रोज़मर्रा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए साइकिल चलाना सीखा।

पहिया
Question: 'साइकिल आंदोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आये हैं?
Answer: 'साइकिल आंदोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में निम्नलिखित बदलाव आये हैं -

  • उनमें आत्मविश्वास का संचार हुआ है।
  • उनकी पुरुषों पर निर्भरता घटी है, आत्मसम्मान की भावना बढ़ी है।
  • अब वे अपना दैनिक कार्य अधिक सुगमता से सम्पन्न करने लगी।
  • अपने उत्पाद अधिक बेच पाने के कारण उनकी आय में वृद्धि हुई है।
  • आर्थिक अवस्था में सुधार के साथ-साथ समय और श्रम की बचत होने की वजह से उनका जीने का स्तर ऊँचा हो गया।

Question: शुरुआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया, परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
Answer:  आर. साइकिल्स के मालिक का स्त्रीयों द्वारा साइकिल चलाने के आंदोलन को समर्थन करने के पीछे उनका निहित स्वार्थ था। कारण, उस आंदोलन के चलते आर. साइकिल्स की बिक्री में साल भर के अंदर 350 प्रतिशत की वृद्धि जो हुई थी। जिसकी वजह से उसे भरपूर आय हो रही थी। अतः उसे तो इस आंदोलन का समर्थन करना ही था।
Question: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?
Answer: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कई बाधाएँ आई -
1. पुडुकोट्टई के मुख्य इलाकों में मुस्लिम परिवार अधिक हैं जो लड़कियों के मामले में बहुत रूढ़िवादी थे। उन्होंने इस आंदोलन को हतोत्साहित करने का पूरा कौशिश किया।
2. प्रारंभ में पुरुषों को महिलाओं का साइकिल चलाना अच्छा न लगा। स्त्रीयों को उनकी फब्तियाँ  सुननी पड़ती थी।
3. आर्थिक संकट के कारण कुछ महिलाओं को साइकिल खरीदने में कठिनाई थी जिसके कारण उन्हें किराए के साइकिलों पर निर्भर करना पड़ता था।
4. साइकिल चलाने का प्रशिक्षण देने वालों का अभाव था यद्दपि प्रशिक्षण शिविर बाद में लगाए गए।

शीर्षक की बात
Question: आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम 'जहाँ पहिया है' क्यों रखा होगा?
Answer: साइकिल में दो पहिए होते हैं। साइकिल इन पहियों से चलकर अपनी सवारी को आराम से कहीं भी पँहुचा देती है। अर्थात्, 'जहाँ पहिया है' वहाँ तक चालक की पहुँच है। इस शीर्षक के जरिए इसी भावना को इस पाठ में व्यक्त किया गया है।
और एक कारण, चूँकि यह पाठ एक ऐसी आंदोलन के समर्थन में लिखा गया है जो 'साइकिल' पर आधारित है, इसलिए यह भी इस शीर्षक को रखने का एक कारण हो सकता है।
Question: अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।
Answer: हमारे विचार से इस पाठ का अन्य शीर्षक हो सकता है - "महिला साइकिल आंदोलन"।
यह पाठ स्त्रीयों द्वारा साइकिल चलाने की आज़ादी प्राप्त करने के लिए किया गया एक आंदोलन पर आधारित है। अतः यह शीर्षक भी उचित लगता है।

समझने की बात
Question: साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?
Answer: साइकिल को विनम्र सवारी कहा गया है क्योंकि यह किसी से लड़ती - झगड़ती नहीं है। ऐसा कहने के पीछे कई कारण और भी हैं जैसे, साइकिल बिना किसी ईंधन के केवल पैडल मारते ही चुप-चाप बड़ी विनम्रता से चलने लगती है। यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त सवारी है, यहाँ तक कि शोरगुल भी नहीं करती है। रास्ता कैसा भी हो यह चलने के लिए हमेशा तैयार रहती है।

साइकिल
Question: फातिमा ने कहा, " ... मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।"
साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को 'आज़ादी' का अनुभव क्यों होता होगा?
Answer: साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को 'आज़ादी' का अनुभव इसलिए होता होगा क्योंकि इससे उनकी दूसरों पर निर्भरता लगभग समाप्त हो गई। आर्थिक सुधार होने के साथ-साथ अब वे स्वतंत्र जीवन जीने लगी हैं।

भाषा की बात
Question: उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आये उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए कस पाठ में प्रयुक्त कुछ उपसर्ग और प्रत्यय इस प्रकार हैं - अभि, प्र, अनु, परि, वि (उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना।
Answer: उपसर्गयुक्त शब्द
अभि - अभिव्यक्ति
प्र - प्रदान, प्रयत्न
अनु - अनुभव
परि - परिवहन, परिश्रम
वि - विशेष
प्रत्यययुक्त शब्द
इक - आर्थिक (अर्थ + इक)
वाला - साइकिलवाला (साइकिल + वाला)
ता -  मूर्खता (मुर्ख + ता)
ना - पढ़ना (पढ़ + ना)


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Surdas Ke Pad | NCERT Solutions of CBSE Hindi Class 8 Vasant Bhag 3 Exercise Questions | सूरदास के पद

Class 8 Surdas Ke Pad (सूरदास के पद)

NCERT Solutions of CBSE Hindi Class 8 Vasant Bhag 3

Question: बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए?
Solution: बालक श्रीकृष्ण इस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए की उनके बालों की चोटी भी भाई बलराम के समान लंबी और मोटी हो जायगी। उनके बाल भी नागिन की तरह लहराने लगेगी।

Question: श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे?
Solution: श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में यह सोच रहे थे कि उनकी चोटी भी बलराम के भांति लंबी और मोटी हो जाएगी। वह भी नागिन के समान लहराती दिखाई देने लगेगी।

Question: दूध की तुलना में श्रीकृष्ण कौन-से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं?
Solution: दूध की तुलना में श्रीकृष्ण माखन-रोटी को अधिक पसंद करते हैं।

Question: 'तैं ही पूत अनोखा जायौ' - पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं?
Answer: इस पंक्ति में ग्वालन के मन में ईर्षा भाव और उपालंभ के भाव मुखरित हो रहे हैं। वह माता यशोदा को उलाहने भरे स्वर में यह बात कह रही है।

Question: मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा क्यों देते हैं?
Answer: मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा देते हैं ताकि उनकी चोरी पकड़ी न जा सके, ग्वालिन को क्रोध आ जाए और वे चिढ़ जाए।

Question: दोनों पदों में से आपको कौन-सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?
Solution: कविता के दोनों पदों में हमें पहला पद अधिक अच्छा लगा क्योंकि इसमें वात्सल्य रस का अच्छा परिपाक हुआ है। इसमें बाल कृष्ण की बाल-सुलभ चेष्टाओं का मनोहारी चित्रण हुआ है।


NCERT Answers - CBSE Class 8 Hindi

Vasant Bhag 3, Surdas Ke Pad

भाषा की बात
Question: श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुरा-चुरा कर खाते थे इसलिए उन्हें माखन चुरानेवाला भी कहा गया है। इसके लिए एक शब्द दीजिए।
Answer: माखनचोर।

Question: श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए।
Solution: माधव, नंदलला, पीतांबर, यशोदापुत्र, गोवर्धनधारी।

Question: कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थ वाले होते हैं उन्हें पर्यायवाची कहते हैं और कुछ विपरीत अर्थवाले भी समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम। पाठ में से दोनों प्रकार के शब्दों को खोज कर लिखिए।
Answer: मिलते-जुलते अर्थवाले शब्द:
काढ़त -- गुहत, चोटी -- बेनी
विलोम अर्थ वाले शब्द:
लंबी -- छोटी, हानि -- लाभ, बढ़ेगी -- घटेगी, तेरो -- मेरो


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Basant Bhag 3 - Chapter 18, Topi by Sanjay - Class 8, Hindi Ncert Answers and Cbse Guide

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Chapter 18, Hindi Basant (Vasant) Bhag 3 - TOPI by Sanjay

टोपी 

Class VIII, NCERT Answers of Hindi Chapter 18 Exercise Questions

कहानी से

Question 1: गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला ?
Answer:  गवरइया और गवरा के बीच आदमी के कपड़े पहनने को लेकर बहस हुई। गवरइया को आदमी द्वारा रंग-बिरंगे कपड़े पहनना अच्छा लग रहा था जबकि गवरा का कहना था कि कपड़ा पहन लेने के बाद आदमी और बदसूरत लगने लगता है। उसका यह भी कहना था कि कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती ख़ूबसूरती ढँक जाती है। 
गवरइया का मन हमेशा टोपी पहनने को करता था। एक दिन घूरे पर चुगते-चुगते उसे रुई का एक फाहा मिल गया। इसी से उसकी टोपी बनने की इच्छा पूरी होने का अवसर मिल गया। 

Question 2:  गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें। 
Answer: (Not important question from the exam point of view).

Question 3: टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई ? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य लिखें। 
Answer: टोपी बनवाने के लिए गवरइया सबसे पहले धुनिया के पास गई। उससे रुई धुनवा कर वह उसे लेकर कोरी के पास जा पहुँची। उसे कोरी से कतवा लिया। कते सूत को लेकर वह बुनकर के पास गई। उस कते सूत से उसने बुनकर से कपड़ा बुनवाया। कपड़े को लेकर वह दर्जी के पास गई। उसने उस कपड़े से दो सुन्दर सी टोपियाँ सिल दीं। एक टोपी अपने पास रखकर दूसरी टोपी गवरइया को दे दी। इस प्रकार गवरइया की टोपी तैयार हो गई। 

Question 4:  गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए ?
Answer: दर्जी राजा औए उसके सेवकों के कपड़े सिलता था जो उसे बेगार करवाते थे।  लेकिन गवरइया ने अपनी टोपी सिलवाने के बदले में दर्जी को मजदूरीस्वरूप एक टोपी दी जिससे खुश होकर दर्जी ने गवरइया की टोपी पर पांच फुँदने जड़ दिए। 

लेख से आगे
Question 3:  गवरइया के स्वभाव से यह प्रमाणित होता है कि कार्य की सफलता के लिए उत्साह आवश्यक है। सफलता के लिए उत्साह की आवश्यकता क्यों पड़ती है, तर्क सहित लिखिए। 
Answer: किसी भी काम में सफलता के लिए उत्साह की आवश्यकता होती है। बिना उत्साह के कोई काम सफल नहीं होता।  उत्साह से मन में काम के प्रति चाव पैदा होता है। और यही चाव हमें कार्य में प्रवृत्त करता है। उत्साह से ही हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। उत्साह के अभाव में निराशा उत्पन्न होने लगती है।

लेख से आगे
Question 2: मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरशः अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं। टोपी को लेकर तीन मुहावरे हैं; जैसे - कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। शेष मुहावरों को खोजिए और उनका अर्थ ज्ञात करने का प्रयास कीजिए। 
Answer
  1. आँखों में चमक आना = अंदर की खुशी  झलकना। = परीक्षा  में अच्छा अंक प्राप्त होने से राकेश की आँखों में चमक आ गई। 
  2. ओझल हो जाना = गायब हो जाना। = सिपाही को देखते ही चोर आँखों से ओझल हो गया। 
  3. टोपी उछलना = बेइज्ज्ती होना। = भरी सभा में मेरी टोपी उछल गई और तुम चुप रहे। 
  4. लगुए-भगुए होना = साथ वहलकर लाभ उठाने वाले। = तुम इन लगुए-भगुओं से बचकर रहना वरना घाटे में रहोगे। 
  5. माथे का पसीना पोंछना = घबराहट  दिखाई देना। = वह इतना घबरा गया है कि माथे का पसीना पोंछ रहा है। 
  6. ठंडी आह भरना =  पछताना। = मुझे नौकरी छोड़कर ठंडी आह भरनी पड़ रही है। 
  7. राग अलापना =  अपनी बात कहते रहना। = तुम एक ही राग अलापते जा रहे हो, कुछ मेरी भी सुनो। 
  8. आँख में उँगली डालकर देखना = साफ़-साफ़ देखना। = घटना की सच्चाई आँख में उँगली डालकर देखने से ही पता चलेगी।
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Class VIII, Hindi CBSE Guide - NCERT Solutions of Chapter 17 Vasant Bhag - III, Baaj Aur Saanp, by Nirmal Verma

Class VIII, Hindi A - Ncert Solutions and Cbse Guide

Chapter 17, Hindi Basant (Vasant) Bhag III 

बाज और साँप (Baaj Aur Saanp)

Class 8, Hindi NCERT Textbook Exercise Solutions

कहानी से:
Question 1: घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, "मुझे कोई शिकायत नहीं है?" विचार प्रकट कीजिए।
Solution: घायल होने के बाद भी बाज ने यह कहा कि - "मुझे कोई शिकायत नहीं है।" उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसने अपनी ज़िंदगी को भरपूर भोगा। वह असीम आकाश में जी भरकर उड़ान भर चुका था। जब तक उसके शरीर में ताकत रही तब तक ऐसा कोई सुख नहीं बचा जिसे उसने न भोगा हो। वह अपने जीवन से पूर्णतः संतुष्ट था। 

Question 2: बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा, फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था ?
Solution: बाज ज़िंदगी भर आकाश में उड़ता रहा, उसने आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नापा। बाज साहसी था।  अतः कायर की मौत नहीं मरना चाहता था। वह अंतिम क्षण तक संघर्ष करना चाहता था। वह मरने से पहले अंतिम बार आकाश में उड़ लेना चाहता था। अतः उसने इसके लिए एक अंतिम प्रयास किया भले ही वह असफल हो गया। साथ ही एक और कारण भी है कि साँप के गुफा से भयानक दुर्गंध आ रहा था जिससे उसका दम घुट रहा था। 

Question 3: साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर भी उसने उड़ने की कोशिश क्यों की ?  
Solution: साँप उड़ने कि इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। उसके लिए उड़ान और रेंगने में कोई अंतर न था। पर जब उसने बाज के मन में आकाश में उड़ने के लिए तड़प देखी तब साँप को भी लगा कि इस आकाश के रहस्य का पता लगाना ही चाहिए।  तब उसने भी आकाश में एक बार उड़ने की कोशिश करने का निश्चय किया। 

Question 4: बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था ?
Solution: बाज के लिए लहरों ने गीत इसलिए गाया था क्योंकि वह साहसी और बहादूर था। उसने अपने प्राण गँवा दिए परन्तु ज़िंदगी के खतरे का सामना करने से पीछे नहीं हटा। बाज के साहसी, वीरता, एवं स्वतंत्रता-प्रिय रूप को सम्मान देने के लिए लहरों ने गीत गाया था। 

Question 5: घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा ?
Solution: साँप का शत्रु बाज है। बाज साँप खा जाता है। जब बाज घायल हो गाया तब साँप का खुश होना स्वाभाविक था क्योंकि उसका शत्रु मरने वाला था।

कहानी से आगे :
Question 3: क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं ? विचार प्रकट कीजिए।  
Solution: हाँ, पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा। वे अपनी उड़ान में किसी भी प्रकार की बाधा सहन नहीं करते। पक्षियाँ उड़ने में आनंद की अनुभूति करते हैं। 
स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता है जबकी थोपे गए या अस्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव नहीं होता।  

Question 4: मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में रखी है। मनुष्य की इस इच्छा का परिणाम क्या हुआ ? आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है ?          
Solution: मानव ने भी पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा अपने मन में सँजो कर रखी है। जिसका परिणाम यह हुआ कि मनुष्य हवाई जहाज का आविष्कार कर दिखाया।  आज मनुष्य अपने उड़ने की इच्छा की पूर्ति हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, गैस-बैलून आदि से करता है।     

भाषा की बात:
1: कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए। 
(क). हिम्मत बाँधना: पुलिस के आने पर ही घर के लोगों की हिम्मत बँधी। 
(ख). अंतिम साँस गिनना: रोगी अस्पताल के बिस्तर पर अंतिम साँसें गिन रहा है। 
(ग). मन में आशा जागना: संत की बातें सुनकर मेरे मन में आशा जाग गई। 
(घ). कसर बाकी न रखना: तुम्हारा काम पूरा करने में मैं कोई कसर बाकी न रखूँगा। 
(ङ). प्राण हथेली पर रखकर घूमना: वीर पुरूष अपने प्राण हथेली पर रखकर घूमते हैं। 

2. 'आरामदेह ' शब्द में 'देह' प्रत्यय है। 'देह' 'देनेवाला' के अर्थ में प्रयुक्त होता है। देने वाला के अर्थ में 'द', 'पद', 'दाता', 'दाई', आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे- सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।
Solution: द: सुखद, दुखद  
               दाता: अन्नदाता, धनदाता 
               आई: दुखदाई, कष्टदाई 
               देह: आरामदेह, कष्टदेह 
   
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Ncert Cbse Hindi Guide - Class VIII, Vasant Bhag 3 वसंत भाग ३ - दीवानों की हस्ती

CBSE Board Class 8, Hindi - Vasant (Basant) Bhag 3

NCERT solutions of textbook exercise questions
Chapter 4, दीवानों की हस्ती
प्रश्न १: कवि ने अपने आने को 'उल्लास' और जाने को 'आंसू बनकर बह जाना' क्येओं कहा है?
उत्तर: कवि अपने आने को उल्लास इसलिए कहता है क्योंकि किसी भी नए स्थान पर वह बड़े उत्साह के साथ जाता है। वहाँ जाकर उसे प्रस्सनता होती है। पर जब वह उस स्थान को छोड़ कर आगे जाता है तब उसे दुःख होता है। विदाई के क्षणों उसकी आखों से आंसू बह निकलते हैं।

प्रश्न ३: कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर: कविता में हमें कवि का जीवन के प्रति दृष्टिकोण अच्छा लगा। ऐसी दृष्टिकोण रखनेवाला व्यक्ति ही सुखी रह सकता है।
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