Durbuddhi Vinashyti - दुर्बुद्धिः विनश्यति - CBSE Class 7 NCERT Sanskrit Ruchira - Summary, Word Meaning, Solutions

 

दुर्बुद्धिः विनश्यति (Durbuddhi Vinashyti)

CBSE NCERT Solution | Class 7 Sanskrit, Ruchira Bhag 2 | Summary of the Lesson (पाठसार) | Meaning of Sanskrit words in Hindi (शब्दार्थ) | NCERT Solutions in Sanskrit of chapter exercise questions  (प्रश्न अभ्यास) | CBSE Guide with extra questions answers in Sanskrit (अतिरिक्त अभ्यास)  
Meaning of Sanskrit words in Hindi (शब्दार्थ)

सरः - तालाब तयोः - दोनों का। तत्रैव - वहाँ पर ही। निवसतः - रहते थे। प्रतिवसति स्म - रहता था। अथ - इसके बाद। धीवराः - मछुआरे। आगच्छन् - आए। श्वः - कल। वयम् - हम। कुर्मादीन् - कछुआ आदि को। युवाभ्याम् - तुम दोनों ने। यद् - जो। मैवम् - ऐसा ही। भवद्भ्याम - आप दोनों के। गन्तुम् - जाने के लिए। किम् - क्या। अवदताम् - कहने लगे। आवाम् - हम दोनों। चञ्च्वा - चोंच से। सुखेन - आराम से। गमिष्यामि - चला जाऊँगा। अवलम्ब्य - सहारा लेकर। नीयमानम् - ले जाए जाते हुए को। अवलोक्य - देख कर। वस - रहो। दास्यसि - दोगे। उक्तवान् - कहा है। लम्बमानम् - लटकते हुए। कृते - करने पर। अधावन् - दौड़ने लगे। कथमपि - किसी प्रकार भी। अपरः - दूसरा। नीत्वा - ले जाकर। महद् - बड़ा भारी। कश्चित् - कोई। निपतति - नीचे गिरता है। तेषाम् - उनका। दत्तम् - दिए गए। खादत - खा लो। सुह्रदाम् - मित्र लोगों का। वदन् - बोलता हुआ। मारितः - मार डाला गया। दुर्बुद्धिः - मुर्ख। विनश्यति - विनाश हो जाता है। हितकामानाम् - भलाई चाहने वालों का।     
      
Summary of Class 7 Sanskrit Chapter 
Durbuddhi Vinashyti in Hindi (दुर्बुद्धिः विनश्यति - पाठसार 

संस्कृत साहित्य में नीति काव्य परम्परा में अनेक लोकप्रिय ग्रंथों की रचना हुई है। नीति काव्यों में पशु-पक्षियों के माध्यम से नीतिपरक बातें कही गयी हैं। नीति काव्यों में लेखक श्री विष्णु शर्मा जी का पंचतंत्र एक बहुत लोकप्रिय ग्रन्थ है। यह पाठ विष्णु शर्मा के प्रसिद्द पुस्तक पंचतंत्र से ली गयी है।  

किसी समय मगध देश में फुल्लोत्पल नामक तालाब था। उस तालाब में संकट और विकट नामक दो हंस तथा कम्बुग्रीव नामक उनका मित्र कछुआ रहता था। तीनों मित्र वहाँ बहुत सुखी थे। एक बार मछुआरे वहाँ आए और कहने लगे - "कल हम सभी जलचर प्राणियों को मार डालेंगे।" यह सुनकर भयभीत कछुआ अपने दोनों मित्रों से सहायता के लिए विनती करने लगा और कोई उपाय करके उसे भी आकाशमार्ग से किसी दूसरे तालाब में पहुंचा देने को कहा।  
इसके लिए उन तीनों ने एक उपाय सोचा। उन हंसों ने एक डंडे को दोनों किनारों से चोंच में पकड़ लिया और कछुआ उस डंडे के मध्य भाग को मुख से पकड़ कर लटक गया। मित्र होने के नाते दोनों हंस उस कछुए का हितैषी थे। इसलिए जाने से पहले हंसों ने कछुआ को सावधान कर दिए की आकाशमार्ग पर यात्रा करते समय कोई कुछ भी बोले पर कछुए को उन बातों का उत्तर नहीं देना चाहिए नहीं तो कछुआ आकाश से नीचे गिर जाएगा और तब उसका मृत्यु निश्चित है।        
मित्र हंसों के इस बात पर कछुआ ने क्रोधित होकर कहा की वह मुर्ख नहीं है तथा उसे सब पता है। कछुआ ने कहा कि वह किसी बात का उत्तर नहीं देगा। कछुआ के कहने के अनुसार वे हंस उस कछुए को लेकर दूसरे तालाब में पहुँचाने के लिए उड़ चले। 
तभी रास्ते में कुछ ग्वाले आकाश में उस दृश्य को देख कर आश्चर्य प्रकट करने लगे और तरह-तरह की उल्टी-सीधी बातें करने लगे। उनकी बातें सुनकर कछुए ने अपने मित्रों को दिए गए वचन को भुला कर ज्यों ही कुछ कहने के लिए अपना मुँह खोला, त्यों ही वह ऊपर से पृथ्वी पर गिर पड़ा और मारा गया। 

इस कहानी से तात्पर्य यही निकलता है कि जो (व्यक्ति) अपने मित्रों और भला चाहने वालों की बात पर ध्यान नहीं देता है, उसका भी उस कछुए की तरह विनाश होना तय है।         

CBSE NCERT Solutions in Sanskrit 

Chapter Exercise Questions (प्रश्न अभ्यास)

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Question 1: उच्चारणं कुरुत (pronounce words)
उत्तरम् (Solution): Do it yourself in class. 

Question 2: एकपदेन उत्तरत (एक पद में उत्तर दें) -
(क) कूर्मस्य किं नाम आसीत्?
(ख) सरस्तीरे के आगच्छन्?
(ग) कूर्मः केन मार्गेण अन्यत्र गन्तुम् इच्छति?
(घ) लम्बमानं कूर्मं दृष्ट्वा के अधावन्?
उत्तरम् (Solution): 
(क) कम्बुग्रीवः।  (ख) धीवराः आगच्छन्।  (ग) आकाशमार्गेण।  (घ) गोपालकाः अधावन्।

Question 3: अधोलिखितवाक्यानि कः कं प्रति कथयति इति लिखत (निम्नलिखित वाक्यों को किसने किसके प्रति कहा) -                                                           
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उत्तरम् (Solution): 
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Question 4: मञ्जूषातः क्रियापदं चित्वा वाक्यानि पूरयत (complete each sentence taking Sanskrit word from table below) -
अभिनन्दति भक्षयिष्यामः इच्छामि वदिष्यामि उड्डीयते प्रतिवसित स्म - 
(क) हंसाभ्यां सह कूर्मोऽपि …………… ।
(ख) अहं किञ्चिदपि न …………… ।
(ग) यः हितकामानां सुहृदां वाक्यं न ……………।
(घ) एकः कूर्मः अपि तत्रैव …………… ।
(ङ) अहम् आकाशमार्गेण अन्यत्र गन्तुम् ……….. ।
(च) वयं गृहं नीत्वा कूर्मं …………. ।

उत्तरम् (Solution): (क) उड्डीयते। (ख) वदिष्यामि। (ग) अभिनन्दति। (घ) प्रतिवसित स्म। (ङ) इच्छामि(च)  भक्षयिष्यामः  

Question 5: पूर्णवाक्येन उत्तरत (Answer each of these questions in one sentence in Sanskrit) -
(क) कच्छपः कुत्र गन्तुम् इच्छति?
(ख) कच्छपः कम् उपायं वदति?
(ग) लम्बमानं कूर्मं दृष्ट्वा गोपालकाः किम् अवदन्?
(घ) कूर्मः मित्रयोः वचनं विस्मृत्य किम् अवदत्? 
उत्तरम् (Solution): 
(क) कच्छप: हंसाभ्यां सह आकाशमार्गेण अन्यत्र स्थाने गन्तुम् इच्छति।
(ख) कच्छप: उपायं वदति “युवां काष्ठदण्डम् एकं चञ्चवा धारयतम्। अहं काष्ठदण्डमध्ये अवलंम्ब्य युवयोः पक्षबलेन सुखेन गमिष्यामि।”
(ग) तं दृष्ट्वा गोपालका: अवदन्‌ - “हं हो! महदाश्चर्यम्। हंसाभ्यां सह कूर्मोऽपि उड्डीयते।”
(घ) कूर्म: अवदत्‌ - “यूयं भस्म खादत”।

Question 6: घटनाक्रमानुसारं वाक्यानि लिखत (घटना क्रम के अनुसार वाक्यों को लिखें / Rearrange following Sanskrit sentences in chronology) -
(क) कूर्मः हंसयोः सहायता आकाशमार्गेण अगच्छत्।
(ख) गोपालकाः अकथयन्-वयं पतितं कूर्मं खादिष्यामः।
(ग) कूर्मः हंसौ च एकस्मिन् सरसि निवसन्ति स्म।
(घ) केचित् धीवराः सरस्तीरे आगच्छन्।
(ङ) कूर्मः अन्यत्र गन्तुम् इच्छति स्म।
(च) लम्बमानं कूर्मं दृष्टवा गोपालकाः अधावन्।
(छ) कूर्मः आकाशात् पतितः गोपालकैः मारितश्च।
(ज) ‘वयं श्वः मत्स्यकूर्मादीन् मारयिष्यामः’ इति धीवराः अकथयन्। -
उत्तरम् (Solution): 
(क) कूर्मः हंसौ च एकस्मिन् सरसि निवसन्ति स्म।
(ख) केचित् धीवराः सरस्तीरे आगच्छन्।
(ग) ‘वयं श्वः मत्स्यकूर्मादीन् मारयिष्यामः’ इति धीवराः अकथयन्।
(घ) कूर्मः अन्यत्र गन्तुम् इच्छति स्म।
(ङ) कूर्मः हंसयोः सहायता आकाशमार्गेण अगच्छत्।
(च) लम्बमानं कूर्मं दृष्टवा गोपालकाः अधावन्।
(छ) गोपालकाः अकथयन्-वयं पतितं कूर्मं खादिष्यामः।
(ज) कूर्मः आकाशात् पतितः गोपालकैः मारितश्च।

Question 7: मञ्जूषातः पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत (मंजूषा से पदों का चयन करके रिक्त स्थानों की पूर्ति करें, Fill in the blank using Sanskrit words provided in the table) -
जलाशयम्अचिन्तयत्वृद्धःदुःखिताःकोटरे
वृक्षस्यसर्पःआदायसमीपे
एकस्य वृक्षस्य शाखासु अनेके काकाः वसन्ति स्म। तस्य वृक्षस्य ……………… एकः सर्पः अपि अवसत्। काकानाम् अनुपस्थितौ ……………… काकानां शिशून् खादति स्म। काकाः ……………… आसन्। तेषु एकः …………… काकः उपायम् ……………। वृक्षस्य …………… जलाशयः आसीत्। तत्र एका राजकुमारी स्नातुं …………… आगच्छति स्म। शिलायां स्थितं तस्याः आभरणम् ……………… एकः काकः वृक्षस्य उपरि अस्थापयत्। राजसेवकाः काकम् अनुसृत्य …………… समीपम् अगच्छन्। तत्र ते तं सर्पं च अमारयन्। अतः एवोक्तम्-उपायेन सर्वं सिद्धयति।
उत्तरम् (Solution): एकस्य वृक्षस्य शाखासु अनेके काकाः वसन्ति स्म। तस्य वृक्षस्य कोटरे एकः सर्पः अपि अवसत्। काकानाम् अनुपस्थितौ सर्पः काकानां शिशून् खादति स्म। काकाः दुःखिताः आसन्। तेषु एकः वृद्धः काकः उपायम् अचिन्तयत्। वृक्षस्य समीपे जलाशयः आसीत्। तत्र एका राजकुमारी स्नातुं जलाशयम् आगच्छति स्म। शिलायां स्थितं तस्याः आभरणम् आदाय एकः काकः वृक्षस्य उपरि अस्थापयत्। राजसेवकाः काकम् अनुसृत्य वृक्षस्य समीपम् अगच्छन्। तत्र ते तं सर्पं च अमारयन्। अतः एवोक्तम्-उपायेन सर्वं सिद्धयति।


CBSE Guide with extra questions answers in Sanskrit
(अतिरिक्त अभ्यास)  
Question: एकपदेन उत्तरत (Answer in one word in Sanskrit) 
(क) फ़ुल्लोत्पलनाम सरः कुत्र आसीत् ?
(ख) तत्र कौ वसतः स्म ?
(ग) हंसयोः मित्रं कः आसीत् ?
(घ) किम् अवलम्ब्य कूर्मः आकाशमार्गेण अगच्छ्त् ?
(ङ) कुर्मः कैः मारितः ?
उत्तरम् (Solution): (क) मगधदेशे।  (ख) हंसौ।  (ग) कूर्मः।  (घ) काष्ठदण्डम्।  (ङ) गोपालकैः। 
CBSE NCERT Solution of other chapters of Class 7 Sanskrit Ruchira Bhag 2   

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