Makhanlal Chaturvedi - Class 9 CBSE Hindi Kshitij Bhag 1 - Lesson 12, Kaidi Aur Kokila - कैदी और कोकिला - NCERT Guide

 


Chapter 12 Kshitij Bhag 1 - CBSE Class 9 Hindi (A)

Kaidi Aur Kokila by Makhanlal Chaturvedi

कैदी और कोकिला (माखनलाल चतुर्वेदी)
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प्रश्न अभ्यास 
Question 1: कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी ?
Answer: कोयल की कूक सुनकर कवि को ऐसा लगा जैसे कोयल उसे कुछ कहना चाहती है। कवि को लगा कोयल या तो उन्हें निरंतर लड़ते रहने की प्रेरणा देना चाहती है या फिर उनकी यातनाओं के दर्द को बांटना चाहती है। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोयल उनकी कष्टों को देखकर आँसू बहा रही है और एक प्रकार से विद्रोह की चेतना जगा रही है। अंत में कवि उसके इशारों के महत्व को समझते हुए आत्म-बलिदान करने को तैयार हो जाता है।         

Question 2: कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई ? 
Answer: कवि के अनुसार कोकिल के बोलने के पीछे कई सम्भावनाएँ हो सकती हैं, जैसे -
  1. वह कवि के कष्टों को देखकर उनसे सहानुभूति प्रकट करने आई है।  
  2. कवि के दर्द को बांटना चाहती है।  
  3. परतंत्रता के अँधेरे को छाँटने और कैदियों के मन में स्वतंत्रता की ज्वाला जगाने आई है।  
  4. क्रांतिकारीयों के मन में देश-प्रेम और स्वतंत्र होने की भावना को और मजबूत करने आई है। 


Question 3: किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों ?
Answer: अंग्रेज़ो के शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है। क्योंकि अँग्रेज शासन प्रणाली अन्यायपूर्ण थी। वे भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को कारागृह में तरह-तरह की अमानवीय यातनाएँ दी।  ब्रिटिश शासकों ने अपने शासनकाल में बेकसूर और निरीह भारतीयों पर घोर अत्याचार किऐ।   

Question 4: कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाओं का वर्णन कीजिए।
Answer: कविता के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि पराधीन भारत में कैदियों को अमानवीय यातनाएँ दी जाती थीं। उन्हें छोटे-छोटे अँधेरी कोठरियों में जंजीरों से बाँध कर रखा जाता था। बहुत ही घटिया और थोड़े से भोजन देकर उनसे पशुओं की तरह काम करवाया जाता था। उन्हें मार-मार कर कोल्हू भी चलवाया जाता था।    
Question 5: भाव स्पष्ट कीजिए।
(क) मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!
(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जुआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कुँआ।
Answer: (क) 'मृदुल वैभव की रखवाली' से यहाँ कवि का तात्पर्य कोयल की मीठी तथा कोमल स्वर से है। कवि का कहना है कि संसार में दुःख और कष्ट ही अधिक हैं। ऐसे में यदि कहीं मृदुलता बची है तो वह कोयल के मधुर स्वर में ही बची है। इसीलिए कवि कोयल को मृदुलता की रखवाली कह रहे हैं।  
(ख) यह कवि की स्वाभिमान, दृढ़ता को दर्शाता है। ब्रिटिश सरकार जेल में कैदियों को असहनीय यातनाएँ देकर उन से पशुओं की तरह काम करवाते थे। जेल में कवि के पेट पर जुआ बाँधकर कुँए से पानी निकाला जाता है। फिर भी कवि हार नहीं मानते। वे कभी दु:खी नहीं होते। सभी कठिनाईओं को झेलते हुए कवि अंग्रेज़ी सरकार के षड़यंत्र को विफल कर उनकी अकड़ को समाप्त कर देना चाहते हैं।         

Question 6: अद्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा होते है ? 
Answer: अद्धरात्रि में कोयल के चीखने से कवि को कई अंदेशे होने लगते हैं। वह सोचते है कहीं कोयल कोई महत्वपूर्ण सन्देश देना चाहती है या यह भी हो सकता है कि वह क्रांतिकारियों के दुःख से द्रवित होकर आधी रात में ही चीख रही हो।  

Question 7: कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है ?

Answer: कवि को कोयल की स्वतंत्रता से ईर्ष्या हो रही है। कोयल स्वतंत्रता से आकाश में उड़ रही है, जीवन का आनंद ले रही है और कवि जेल की अँधेरी काल कोठरी में जीने के लिए विवश है। कोयल गा कर आनंद प्रकट कर सकती है जबकि कवि के लिए तो रोना भी एक बड़ा गुनाह है जिसके लिए उन्हें दण्ड मिल सकता है। 

Question 8: कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की कौन सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है ?

 (Not much important)

Question 9: हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है ?

Answer: गहना उस आभूषण को कहते हैं, जो धारणकर्ता का मान-सम्मान, गौरव और सौंदर्य बृद्धि करता है। कवि माखनलाल चतुर्वेदी एक स्वतंत्रता संग्रामी थे और अपने मातृभूमि को अंग्रेज़ों से मुक्ति दिलाने के लिए स्वयं संघर्ष का मार्ग अपनाया था। उन्हें किसी गलत कार्य के लिए नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण अँगरेज़ सरकार ने हथकड़ियाँ पहनाई हैं जो उनके लिए एक गौरव की बात है। समाज में उन्हें इन हथकड़ियों की वजह से अधिक प्रतिष्ठा मिली। इसलिए हथकड़ियों को यहां गहना कहा गया है।     

Question 10: 'काली तू .....ऐ आली!' - इन पंक्तियों में 'काली' शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।  

 (Not much important)

Question 11: काव्य - सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -

(क) किस दावानल की ज्वालाएँ हैं दीखीं ?
(ख) तेरे गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह!
      देख विषमता तेरी - मेरी बजा रही तिस पर रणभेरी!

Answer: (क) 'दाबानल की ज्वालाएँ' से आशय है बहुत भारी दुःख। यह जेल में कैदियों को दी जा रही अमानवीय यातनाओं के लिए कहा गया है। कोयल की कूक को दर्द भरी चीख मानकर प्रश्नात्मक शैली से कवि कोयल के कष्ट का अनुमान लगा रहा है। कोयल का मानवीकरण तथा प्रश्नात्मक शैली बहुत प्रभावी बन पड़ा है।  
'दाबानल की ज्वालाएँ' में विम्बात्मक शैली के साथ अनुप्रास अलंकार का प्रयोग किया गया है।  
(ख) प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में कवि ने अपने तथा कोयल के जीवन की विषमताओं का उल्लेख करते हुए एक मार्मिक वर्णन किये है। 
कोयल स्वतंत्रता से आकाश में उड़ रही है, जीवन का आनंद ले रही है और कवि जेल की अँधेरी काल कोठरी में जीने के लिए विवश है। कोयल गा कर आनंद प्रकट कर सकती है जबकि कवि के लिए तो रोना भी एक दण्डनीय अपराध है।  
कोयल का मानवीकरण बहुत ही सुन्दर है। कवि यहाँ तुकबंदी का प्रयोग किया है तथा भाषा अत्यंत सरल, प्रवाहमयी एवं संगीतात्मक है। 
'तेरी-मेरी' में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग एवं स्वरमैत्री का संगम मिलता है।              


Kaidi Aur Kokila by Makhanlal Chaturvedi

कैदी और कोकिला (माखनलाल चतुर्वेदी)
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रचना  और अभिव्यक्ति
Question 12: कवि जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना भी सुनता होगा लेकिन उसने कोकिला की ही बात क्यों की है ?
Answer: कोकिला की स्वर अन्य पक्षियों से अधिक मधुर तथा भिन्न है। उसकी मधुर और मार्मिक स्वर कवि के मन में एक अन्य प्रकार चेतना जागृत करता है। इसलिए कवि ने कोकिला की ही बात कही है।  

Question 13: आपके विचार से स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार क्यों किया जाता होगा ?
Answer: अंग्रेज़ नहीं चाहते थे कि भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बने। इसलिए वे भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को निर्ममता से दबाना चाहते थे। स्वतंत्रता सैनानियों के मनोबल को तोड़ने के लिए तथा भारत पर अपनी सत्ता कायम रखने के लिए वे स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार करते थे।       

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